अपने फेवरेट सेलिब्रिटी का वॉलपेपर यूज करना, अपने शरीर पर उनके नाम के टैटू बनवा लेना, बहुत आम बात है! आपका रोल मॉडल कौन सी सेलिब्रिटी, है- फिल्म इंडस्ट्री के सितारे, खिलाड़ी, पोलिटीशियन, आध्यात्मिक गुरु या कोई और मशहूर व्यक्ति? फेमस लोगों को, आम जनता क्यों फॉलो करती है, क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी में सफलता हासिल की है, नाम, पैसा और शोहरत कमाई है। लेकिन क्या, इन सोशल इन्फ्लूएंर्स की, अपने फैन्ज के प्रति जिम्मेदारी नहीं है, कि वो समाज का एक आइडल आइकन बनें, न कि नेगेटिव इम्पैक्ट डालें। भारत ही नहीं, दुनियाभर में सेलिब्रिटीज, आम लोगों को बहुत प्रभावित करते हैं! और यह नेगेटिव और पॉजिटिव, दोनों तरीके का है! लोग डिफरेंट सेलिब्रिटीज को अपना, आइडल आइकन मानते हैं, और उनके जैसा बनने की कोशिश करते हैं! फेमस पर्सनेलिटीज के जैसा हेयर स्टाइल, उनकी डाइट, फैशन स्टाइल, उनके बात करने के तरीके, से लेकर, उनके पूरे लाइफ स्टाइल, को अपनाने की कोशिश करते हैं, और खासकर युवा!
बच्चों के कमरे में अपने फेवरेट सेलिब्रिटी के पोस्टर, और घर से बाहर देखेंगे, तो यह सेलिब्रिटी कल्चर हर तरफ दिखाई देता है! एडवरटीजमेंट्स के जरिए, हर शहर, गली-मोहल्ले, सेलिब्रिटी की तस्वीरों से भरे रहते हैं। एक जोहरी की दुकान से लेकर, एक नाई की दुकान तक, हर जगह, किसी न किसी अभिनेता, अभिनेत्री, खिलाड़ी या किसी भी नेता सेलिब्रिटी की तस्वीरें देखी जा सकती हैं। युवाओं में, इस सेलिब्रिटी वरशिप का, एक मैंटल और साइकोलाजिकल पहलू है! ज्यादातर लोग इन सेलिब्रिटीज का सम्मान करते हैं, इसलिए उनके जैसा दिखना और उनके जैसा बनना चाहते हैं। इसी देखादेखी में, अगर वे सोशल मीडिया पर किसी पसंदीदा सेलिब्रिटी की ड्रग्स या शराब पीते हुए तस्वीरें देखते हैं, तो उन्हें भी ऐसा करने की इच्छा हो सकती है। कई लाइव शो में ये साफ साफ दिखाई पड़ता है कि अपने पसंदीदा एक्टर, एक्ट्रेस, किसी खिलाड़ी या पालिटीशियन के लिए, उनके फैन की दीवानगी, किस हद तक होती है।
कई बार कुछ गलत करने के बाद भी, फॉलोअर्स, अपने आइडल आइकन का उदाहरण देते हैं। जैसे आजकल सीरीज में एब्यूजिव लैंग्वेज का यूज करना आम बात बन चुकी है, और इसे देखकर युवा अपने परिवार या दोस्तों में ऐसी भाषा का प्रयोग करते हैं। और अगर उन्हें ऐसा करने से रोका जाए, तो वो सेलिब्रिटीज का उदाहरण देते हैं। ऐसे में युवाओं को सही और गलत के अंतर को समझने की जरूरत है। कोई भी इनसान 100% परफेक्ट नहीं होता। आप जिस सेलिब्रिटी को फॉलो कर रहे हैं, अगर वो गलत कर रहा है, तो उसकी उस बात या एक्टीविटी को फॉलो न करें। उनकी सफलता और उनकी स्ट्रगल से सीखें, लेकिन उनकी किसी गलत एक्टीविटी को अपनी जिंदगी का हिस्सा न बनाएं। सेलिब्रिटीज के हर स्टेप, हर एक्शन पर, सोशल मीडिया के जरिए, फॉलोअर्स रिस्पोंस करते हैं, क्योंकि वो उनसे इन्फ्लूएंस होते हैं। उदाहरण के लिए डिवोर्स या ज्यादा शादियों को लेकर प्रशंसकों की प्रतिक्रिया। ऐसे में सेलिब्रिटीज यह हवाला देते हैं कि वो उनकी पर्सनल लाइफ है, उसमें वो कुछ भी कर सकते हैं। जब लोग उन्हें फॉलो करते हैं, तो क्या सेलिब्रिटी की यह जिम्मेदारी नहीं कि अपनी अच्छी क्वालिटीज और एक्टीविटीज के जरिए, लोगों के लिए प्रेरणा बनें। न कि अल्कोहल, गलत बयानबाजी और एक्टिविटीज की वजह से लोगों में गलत धारणा बनाएं। सेलिब्रिटीज को यह समझने की जरूरत है कि उनकी पर्सनल लाइफ जरूर है, लेकिन वो अचीवर्स आम लोगों को प्रेरित कर रहे हैं, इसलिए उन्हें अपनी जिंदगी एक जिम्मेदारी से जीनी चाहिए। उदाहरण के लिए, पॉलिटीशियन और अन्य सेलिब्रिटी, मर्यादापुरुषोत्तम राम की बात करते हैं, लेकिन उनकी लाइफ में क्रोध, गलत बयानबाजी, क्रप्शन और डायवोर्स जैसी कई चीजें देखने को मिलती हैं। तो क्या जो लोग उन्हें फॉलो कर रहे हैं, क्या उन पर इसका नेगेटिव असर नहीं पड़ेगा। इसलिए सेलिब्रिटीज को हमेशा अपनी निजी जिंदगी को, एक आइडल तरीके से जीना चाहिए, ताकि समाज पर उसका सकारात्मक असर पड़े। एक कहावत है कि Power और पैसे के साथ, एक बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। लोग, अपने फेवरेट सेलिब्रिटी को भगवान मानते हैं, उनके हर एक्शन को फॉलो करते हैं। सेलिब्रिटी का फैशल स्टाइल, डाइट के पॉजिटिव इम्पैक्ट से लेकर, एल्कोहल या दूसरी गलत एक्टीविटीज का भी, लोगों पर असर पड़ता है। द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी सिर्फ इतना कहना चाहता है कि, आप सेलिब्रिटीज, एक बहुत बड़ी भीड़ के आइडल अचीवर्स हैं, इसलिए भारत को बदलने, कुछ नया करने और लोगों की सोच बदलने के रेवोल्यूशन में आपका अहम रोल हो सकता है।